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मोदी की गारंटी लागू करने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित हुआ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन



 मोदी की गारंटी लागू करने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित हुआ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन


दो प्रतिशत डीए वृद्धि को बताया छल


      गरियाबंद :- छत्तीसगढ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय इकाई के आह्वान पर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला गरियाबंद के समस्त कर्मचारी-अधिकारी विधानसभा चुनाव के पूर्व मोदी की गारंटी को लागू करने के लिए स्थानीय रावणभाठा मैदान में एकदिवसीय हड़ताल के रूप आंदोलन किया। बरसते पानी में भी अधिकारी कर्मचारियों का उत्साह कम नहीं हुआ और बड़ी संख्या में अपने अधिकारों के लिए सभी विभागों के सभी कैडर के अधिकारी और कर्मचारी एकत्र हुए। कर्मचारियों की भीड़ इतनी थी कि आधे कर्मचारियों को पंडाल के बाहर खड़ा होना पड़ा। विदित हो कि आंदोलन की रुपरेखा जारी होने के बाद ही सरकार ने कैबिनेट की बैठक में दो प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की लेकिन अभी तक उनका आदेश प्रसारित नहीं किया गया साथ ही देय तिथि और लंबित एरियर्स के बारे में कोई उल्लेख नहीं है। इस आधे अधूरे घोषणा पर फेडरेशन ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के साथ छल बताया। सभी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्षों ने अपने अपने उद्बोधन में सरकार के रवैये पर नाराजगी प्रकट किया और अपने अपने कैडर की समस्याओं को मंच के समक्ष रखा। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने एक स्वर में विधानसभा चुनाव के पूर्व मोदी की गारंटी के रूप में जारी किए गए घोषणा पत्र में सरकार द्वारा किए गए वादे के अनुरूप राज्य के कर्मचारी-अधिकारी एवं पेंशनरों को केंद्र के समान देय दिनांक से महंगाई भत्ता प्रदान करने, पूर्व के लंबित महंगाई भत्ते की एरियर्स राशि को जी.पी.एफ. खाते में समायोजित करने, समस्त कर्मचारी-अधिकारियों को सेवाकाल के दौरान चार स्तरीय समयमान वेतनमान प्रदान करने सहित अपने ग्यारह सूत्रीय लंबित मांगों पूरा करने अपनी आवाज बुलंद की। फेडरेशन के इस चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में प्रथम चरण 16 जुलाई को माननीय मुख्य मंत्री/मुख्य सचिव छत्तीसगढ शासन के नाम ज्ञापन सौंप कर मांगो को पूर्ण करने हेतु निवेदन किया गया था। किन्तु शासन की ओर से फेडरेशन के 11सूत्रीय लंबित मांगो को लेकर शासन/प्रशासन की ओर से सकारात्मक पहल नही होने के कारण बाध्य होकर फेडरेशन की ओर से प्रस्तावित आंदोलन के द्वितीय चरण में आगामी 22 अगस्त को समस्त विभाग के कर्मचारी/ अधिकारी एक दिवस का अवकाश लेकर जिला मुख्यालय में आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए।छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संरक्षक प्रदीप वर्मा ने बताया कि शासन की ओर से लंबित 2 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने की घोषणा तो की गई है किन्तु हमारी मांग केन्द्र के समान देय तिथि से प्रदाय करने की है जो पूर्ण नही किया गया। इस प्रकार से कर्मचारियों के प्रति की जा रही वादा खिलाफी से आक्रोशित होकर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की ओर से आंदोलन का आगाज किया गया है जो योजनाबद्ध रूप से जारी रहेगा और मांग पूरी नहीं होने पर आगे तृतीय चरण में अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य होंगे।


पटवारी, पंचायत सचिव और एनएचएम कर्मचारी पहले से ही हड़ताल पर

विदित हो कि छग राजस्व पटवारी संघ अपने संसाधन भत्ता, पदोन्नति, वेतन विसंगति की मांग को लेकर तथा एनएचएम कर्मचारी अपने नियमितीकरण एवं 27% लंबित वेतन जारी करने के साथ ही पंचायत सचिव संघ भी अपनी मांगों को लेकर पहले से हड़ताल पर हैं जो फेडरेशन के इस हड़ताल में शामिल रहे। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबद्ध सभी सगठनों एवं पदाधिकारियों ने जंगी रैली निकालकर रावणभाठा से कलेक्टर कार्यालय पहुँचे तथा मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।


प्रदर्शन में ये रहे शामिल

प्रदर्शन में मुख्य रूप से संरक्षक प्रदीप वर्मा, बसंत त्रिवेदी महासचिव अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन, बसंत मिश्रा, सुदामा ठाकुर,मनोज खरे, मुकेश साहू, आर एन शर्मा, सुरेखा तिवारी, बसंत वर्मा, पिंटू साहू, किशोर साहू, रामनारायण मिश्रा, भगवान चंद्राकर, गुलशन यदु, पुरंदर वर्मा, नमिता भगत, यशवंत साहू, देवकुमार पडोटी, भागचंद चतुर्वेदी, योगेश्वर गोस्वामी, यशवंत सोनी, प्रवीण साहू, संजय महाडिक, हितकारनी देवांगन, लोकेश्वर सोनवानी, यशवंत साहू, कृष्णा कुमार सोनी,उमाशंकर साहू, जितेश गजभीये, पी आर सिदार, रविंद्र ठाकुर, डॉ. लक्ष्मीकांत जांगड़े, अनूप महाडिक,संजय मिश्रा,सतीश साहू, चेतन सोनकर, अशोक तिवारी, देवेंद्र वर्मा, डोमार कश्यप,कुबेर मेश्राम सहित सभी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों व जिलाअध्यक्षों की उपस्थिति रही।


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