माता-पिता शिक्षक को बच्चों के प्रति कैसा व्यवहार होना चाहिए
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एक शिक्षक को बच्चों को प्रभावी ढंग से पढ़ने के लिए धैर्य रखना चाहिए, स्कूल में एडमिशन के बाद शिक्षक दूसरे माता-पिता के रूप में होते हैं और सच्चा प्यार देना चाहिए और खेला-खेला के पढ़ना चाहिए, शिक्षक को कक्षा में एक सुरक्षित और आकर्षक माहौल बनाना चाहिए, और योजनाबद्ध तरीके से पढ़ना चाहिए। बच्चों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए, शिक्षकों को विभिन्न रणनीतियां का उपयोग करना चाहिए, जैसे-कि उनके दैनिक जीवन से उदाहरण देना, इ॑टरैविटव गतिविधिया॑ आयोजित करना, और उनकी रुचियों को बढ़ावा देना, जिससे सीखने की प्रक्रिया मजेदार और प्रशंसिक बन सके। शिक्षक और छात्र के बीच का संबंध सम्मान, विश्वास और सकारात्मक पर आधारित होना चाहिए, जिसमें शिक्षक एक मार्गदर्शक और मित्र की भूमिका निभाएं। इस संबंध को मजबूत बनाने के लिए प्रभारी संचार, छात्रों की बात सुनना, उनकी सराहन करना, और एक सुरक्षित और सकारात्मक कक्षा वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है। शिक्षक और छात्र के बीच का संबंध पारस्परिक सम्मान, विश्वास, सौहार्द और सीखने का बढ़ावा देने वाला होना चाहिए, न की रोमांटिक। यह एक सकारात्मक और सुरक्षित माहौल बनाने पर केंद्रित होना चाहिए जहां छात्र सहज महसूस करें, शिक्षक को बार-बार माता-पिता से शिकायत नहीं करनी चाहिए। ऐसा केवल तभी करना चाहिए जब कोई गंभीर समस्या हो, जैसे-कि छात्र का व्यवहार ठीक न हो, और वह भी सहानुभूति और समझदारी से। बार-बार शिकायत करने के बजाय, शिक्षक को माता-पिता के साथ मिलकर समाधान खोजना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माता-पिता को भी घर पर ऐसी व्यवहार करना चाहिए और बच्चा चाहता क्या है। बच्चों को अपने कर्म प्रधान पर छोड़ देना चाहिए। माता-पिता शिक्षक विद्यार्थी को शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक रूप से प्रेरित नहीं करनी चाहिए, शारीरिक दंड, ताने मारना, अपमानित करना या भावनात्मक और मानसिक रूप से परेशान नहीं करनी चाहिए और हर एक गतिविधियों पर और स्वभाव पर नजर रखना चाहिए।

