अपिल सर्व आदिवासी समाज ब्लाक एवं जिला अध्यक्ष सचिव एवं कार्यकारणीय सदस्य समस्त सर्व आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों , युवा प्रभाग,महिला प्रभाग, युवा आदिवासी, वकील, पत्रकार, मिडिया,कर्मचारियों अधिकारियों एवं आदिवासी युवा छात्र संगठन, समस्त युवा युवतियां को अपिल किया जाता है।
सुबह 08 बजे से बंद का आह्वान किया जाएगा और 01 बजे बस्तर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा।
जिसमें अधिक से अधिक युवा प्रभाग, महिला ,कर्मचारी, एवं सभी प्रभाग भारी संख्या में उपस्थित होकर बस्तर संभाग बंद कराने में सफल बनाने में सहयोग प्रदान करेंगे!
सर्व आदिवासी बस्तर संभाग के डिविज़नल प्रेसिडेंट प्रकाश ठाकुर का कहना है कि जीवन ठाकुर की मौत पर शक पैदा होता है।
आरोप है कि ठाकुर की जेल में एक राजनीतिक साज़िश के तहत हत्या की गई। उनके परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, जीवन ठाकुर के खिलाफ़ एक FIR दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका वन अधिकार सर्टिफिकेट नकली था, जो बहुत संदिग्ध लगता है।
समुदाय ने यह भी सवाल उठाया कि अगर ज़मीन का पट्टा अवैध था, तो उसे रद्द करने के लिए सही प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई? सीधे FIR कैसे दर्ज की गई?
क्या FIR दर्ज करने वाले अधिकारी को वन अधिकार अधिनियम की जानकारी थी?
समुदाय ने पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है। इसके अलावा, समुदाय ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि इस मामले में दूसरे आरोपियों को ज़मानत मिल गई, लेकिन बीमार होने के बावजूद जीवन ठाकुर को ज़मानत नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए।
एक और बड़ा सवाल यह है कि जीवन ठाकुर को उनके परिवार को बताए बिना चरमा से रायपुर जेल कैसे और किसके आदेश पर शिफ्ट किया गया?
उन्हें 2 दिसंबर को रायपुर जेल भेजा गया और 4 दिसंबर की सुबह मेकाहारा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहाँ उनकी मौत हो गई। समुदाय का कहना है कि यह पूरी घटना संदिग्ध है और कई सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिले हैं।



