दिल्ली और एनसीआर में लगातार बढ़ता प्रदूषण अब सांसों पर भारी पड़ने लगा है।
दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लगातार बढ़ता प्रदूषण अब सांसों पर भारी पड़ने लगा है। आलम यह है कि स्थानीय सरकार कदम उठाए हैं। इधर सर्वोच्च न्यायलय ने भी सरकारों को उचित कदम उठाने की हिदायत दी है। साथ ही कहा है कि दिल्ली में बढ़ते वायुप्रदूषण पर विराम लगाने के लिए अनावश्यक टोल नाकों को बंद करने की सलाह दी है, ताकि ट्रैफिक पर नियंत्रण किया जा सके। हालांकि सरकार ने ऐतिहातन कदम उठाते हुए नर्सरी से लेकर कक्षा 5 तक के स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। साथ ही निमार्ण कार्यों पर पूर्णतः विराम लगाया है और रजिस्टर्ड मजदूरों को उचित मुआवजा देने की बात भी कही है।
उल्लेखनीय है कि देश की राजधानी दिल्ली को पड़ोसी देश चीन की राजधानी बीजिंग से तुलना की जाती थी। बतादें कि बीजिंग को भी दुनिया की स्मॉग राजधानी कहा जाता था। लेकिन अब समय बदल चुका है। वहां अब हालाता बदल चुके हैं बीजिंग ने कड़ी मेहनत और बड़े कदम उठाकर अपनी हवा की क्वालिटी में जबरदस्त सुधार किया है। अब चीन अपने अनुभव से दिल्ली को यह सिखा रहा है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्या करना जरूरी है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर पाया नियंत्रण
बीजिंग में वाहनों पर नियंत्रण किया गया। पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहन सड़कों से हटाए गए। साथ ही, दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो और बस नेटवर्क का निर्माण किया गया और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा दिया गया। जबकि दिल्ली में मेट्रो धीमी गति के साथ विकास कर रही है और इसका नतीजा है कि सड़कों पर वाहनों की भारी भीड़ नजर आती है।

