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जिला कार्यालय में छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड की प्रथम बैठक सम्पन्न

 


जिला कार्यालय में छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड की प्रथम बैठक सम्पन्न
कृषि, उद्योग, शिक्षा व आदिम जाति विभाग की विस्तृत समीक्षा, तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर
शुद्ध तेल की उपलब्धता, पोषण गुणवत्ता सुधार और रोजगार सृजन हेतु प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश
छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेंद्र कुमार साहू ने ली बैठक

गरियाबंद, 26 नवंबर 2025/जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आज छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड की प्रथम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ तेलघानी विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री जितेंद्र कुमार साहू ने की। बैठक में विभिन्न विभागों की योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए हितग्राही मूलक कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान कलेक्टर श्री बीएस उईके, जिला पंचायत के मुख्य कार्यापालन अधिकारी श्री प्रखर चंद्राकर सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में श्री साहू ने कृषि, उद्योग, श्रम, पंचायत, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं शिक्षा विभाग कि समीक्षा की। उन्होंने जिले में तिलहन उत्पादन की स्थिति, प्रमुख क्षेत्र, उत्पादन का रकबा, उत्पादित तिलहन के उपयोग, बाजार सहित अन्य की जानकारी लेते हुए कहा कि जिले के किसानों को रबी सीजन में दलहन-तिलहन, मक्का, सहित अन्य फसले लेने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए किसान संगोष्ठि का आयोजन कर जानकारी दें। ताकि किसान प्रेरित हो सके। इसके लिए उन्हें समय पर बीज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत विद्यालयों के मध्यान्ह भोजन में उपयोग किए जा रहे तेल की मात्रा की जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि जिले में प्रत्येक माह विद्यालयों में 13 हजार किलोग्राम से अधिक तेल की खपत होती है। इसके साथ ही आदिम जाति विकास विभाग के छात्रावासों में 3 हजार लीटर से अधिक तेल की खपत होती है। आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी-टू-ईट एवं अन्य भोजन निर्माण में प्रयुक्त तेल की मात्रा पर विस्तृत चर्चा कर शुद्ध तेल की सुनिश्चितता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिले में खाद्य तेल निकालने के लिए इकाई स्थापित किया जाएं। पंचायत शाखा अंतर्गत एनआरएलएम के माध्यम से स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उन्हें दलहन-तिलहन फसलों के उत्पादन के साथ ही शुद्ध तेल निर्माण के लिए इकाइयाँ स्थापित करने, स्थानीय स्तर पर कच्चे मैटीरियल का विकास कर आजीविका संवर्धन करने को कहा। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को धान फसल के विकल्प के रूप में जल संरक्षण की दृष्टि से दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा देने, फसल चक्र अपनाने तथा किसानों को इसके लिए प्रेरित करने को कहा। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को बाजार में उपलब्ध खाद्य तेलों के नमूने समय-समय पर लेकर निर्धारित मानदंडों के अनुरूप जांच एवं आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। श्रम विभाग के अंतर्गत संगठित एवं असंगठित श्रमिकों के पंजीयन, हितग्राहियों की स्थिति तथा छात्रवृत्ति योजना, श्रमिक मृत्यु सहायता, प्रसूति योजना, साइकिल वितरण योजना सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में खादीग्राम एवं उद्योग व व्यापार विभाग को कहा कि विभाग में संचालित अनुदान आधारित योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करते हुए नई इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया और कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप विभागीय समन्वय के माध्यम से शुद्ध तेल की उपलब्धता, पोषण गुणवत्ता में सुधार, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा तथा रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्रीमती लालिमा ठाकुर, श्री अनिल चंद्राकर, श्री चंद्रशेखर साहू, श्री सुरेन्द्र सोनटेके, अपर कलेक्टर श्री पंकज डाहिरे, श्री नवीन भगत सहित संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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