दीनदयाल भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना का पुनः सत्यापन अनिवार्य
कलेक्टर ने ई-केवाईसी व पोर्टल प्रविष्टि समय पर पूर्ण करने के दिए निर्देश
गरियाबंद 17 दिसम्बर 2025/कलेक्टर श्री बीएस उइके ने “दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना” के पात्र हितग्राहियों के पुनः सत्यापन एवं ई-केवाईसी कराने के संबंध में जिले के समस्त तहसीलदार, जनपद सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ को पत्र प्रेषित कर कहा है कि “दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना” के वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लाभान्वित हितग्राहियों के पात्रता का पुनः सत्यापन एवं संबंधित बैंक के माध्यम से कराया जाना था। लेकिन कुछ तहसील, जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायों के द्वारा पुनः सत्यापन एवं ई-केवाईसी अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किया है। वे 2024-25 के लाभान्वित हितग्राहियों के पात्रता का पुनः सत्यापन एवं ई-केवाईसी निर्धारित तिथि तक तत्काल कराना सुनिश्चित करें। साथ ही हितग्राहियों के सत्यापन उपरांत पोर्टल में प्रविष्टि का कार्य भी कराये।
उन्होंने बताया कि इसके कियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है। कलेक्टर ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा वर्ग कृषि मजदूरी पर निर्भर है, जहां खरीफ सत्र में तो पर्याप्त रोजगार उपलब्ध रहता है, लेकिन रबी सत्र में फसल क्षेत्र कम होने से रोजगार के अवसर घट जाते हैं। इस स्थिति में सबसे अधिक प्रभावित लघु, सीमांत एवं विशेषकर भूमिहीन कृषि मजदूर होते हैं, जिन्हें ग्राम स्तर पर वैकल्पिक रोजगार के सीमित अवसर मिल पाते हैं। ऐसे परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा “दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना” का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इस योजना का उद्देश्य भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की शुद्ध आय में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसका संचालन राज्य स्तर पर आयुक्त, संचालक भू-अभिलेख तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में किया जाएगा। योजना के अंतर्गत वही परिवार पात्र होंगे जिनके किसी भी सदस्य के पास कृषि भूमि न हो और जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि मजदूरी, वनोपज संग्रहण अथवा पारंपरिक पौनी-पसारी से जुड़ा कार्य हो, वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी देवस्थलों से जुड़े पुजारी, बैगा, गुनिया आदि को भी विशेष प्रावधानों के तहत शामिल किया गया है।
आयकरदाता, शासकीय सेवक, जनप्रतिनिधि, भूमि धारक आय ऐसे परिवार योजना से अपात्र होंगे। पात्र परिवारों का पंजीयन निर्धारित तिथि तक संबंधित पंचायत या नगरीय निकाय कार्यालयों में ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जिसके बाद राजस्व अभिलेखों से सत्यापन, ग्राम सभा अथवा सामान्य सभा में दावा-आपत्ति और जिला स्तर पर अंतिम अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

