धान के बदले दलहन-तिलहन से अधिक लाभ पाऐंगे किसान-पशुपालन व मछलीपालन से होंगे किसान सशक्त
कलेक्टर सहित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों ने किसानों को दलहन-तिलहन फसल लेने के लिए प्रेरित किया
गरियाबंद 10 नवम्बर 2025/ गरियाबंद से लगे निकटस्थ ग्राम सढ़ौली में, फसल चक्र परिवर्तन व जल संरक्षण के उद्देश्य से किसान संगोष्ठी का आयोजन में किया गया। कलेक्टर श्री बी.एस. उइके एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रखर चंद्राकर के मार्गदर्शन में जिले में फसल चक्र परिवर्तन व उद्यानिकी-पशुपालन व मछलीपालन के प्रसार के लिए लगातार कृषि एवं संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने किसानों के बीच जाकर संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान कलेक्टर श्री उइके ने किसानों को दलहन-तिलहन के साथ-साथ मक्का के उत्पादन के लाभ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मक्का की फसल से मक्का दाना तो किसान भाई बेचते है, लेकिन इसका तना एवं पत्ते पशुओं के लिए अलग उत्तम चारा या आहार होता है साथ ही मक्का का दाना अलग करने के बाद बचा हुआ अवशेष एक उत्तम ईंधन का स्रोत होता है। उन्होने समस्त किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों में मसूर, उड़द, मुंग, मक्का, सरसों, सब्जी, गेंहुँ आदि के उत्पादन लेने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में किसानों को कृषक उत्पादन संगठनों से समन्वय स्थापित कर सामुहिक प्रयास से फसल उत्पादन एवं विपणन हेतु कार्य करने का आग्रह किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम सढ़ौली के साथ-साथ चिखली, मजरकट्टा, पारागाँव, कुरूभाटा, खट्टी, छिदौंला सहित आसपास के गाँव के कृषक उपस्थित थे। वरिष्ठ नागरिक श्री अनिल चंद्राकर, श्री मुरलीधर सिन्हा, सुरेंद्र सोनटेके, श्री रिकेश साहू, श्री गोपीराम धु्रव, श्री धनराज विश्वकर्मा, श्री मुकेश चंद्रवंशी द्वारा किसानों को संबोधित करते हुए जल संरक्षण, जैविक खेती, फसल चक्र परिवर्तन हेतु प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर श्री गणेश ध्रुव, श्रीमती लक्ष्मी बाई ठाकुर, डीडीए श्री चंदन राय, मत्स्य विभाग के सहायक संचालक श्री एम.एम. कमल, के.वी.के. डॉ मनीष चौरसिया सहित अन्य अधिकारियों ने किसानों को बताया कि शासन द्वारा नजदीकी सहकारी समितियों में दलहन एवं तिलहन की खरीदी की व्यवस्था समर्थन दर पर किये जाने के लिए प्रधानमंत्री आशा योजना में प्रावधान किया गया है।

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