गरियाबंद में बाल विवाह मुक्त अभियान को मिली रफ्तार
जिले के 189 ग्राम पंचायतों और 2 नगरीय निकाय हुए बाल विवाह मुक्त घोषित
मिशन वात्सल्य योजना के तहत सामूहिक प्रयासों से जागरूकता में वृद्धि
गरियाबंद, 12 नवम्बर 2025/जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में गरियाबंद प्रशासन लगातार प्रयासरत है। कलेक्टर एवं जिलादंडाधिकारी श्री बीएस उइके के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अशोक पाण्डेय व श्री अनिल द्विवेदी जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मार्गदर्शन में मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत संचालित अभियान से अब तक जिले की 189 ग्राम पंचायतों और 2 नगर निकाय (गरियाबंद व फिंगेश्वर) को बाल विवाह मुक्त घोषित किया जा चुका है। जिला को बाल विवाह मुक्त जिला घोषित करने के लिए 31 मार्च 2029 तक का तिथि निर्धारित किया गया है।
कलेक्टर श्री उइके ने सभी जनपद पंचायतों को निर्देशित किया है कि बाल विवाह रोकथाम के लिए ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित कर ग्रामीणों को जागरूक किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी बालक या बालिका का विवाह 18 वर्ष की आयु पूर्ण किए बिना न हो। बाल विवाह से बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है। निर्धारित उम्र से कम आयु में विवाह किये जाने, कराये जाने व सहायोग करने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत् 1 लाख रूपये का जुर्माना एवं 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा दोनों का प्रावधान है। बाल विवाह मुक्त अभियान के अंतर्गत विशेष वेब पोर्टल डब्ल्युडब्ल्युडल्ब्युडॉट बालविवाहमुक्तसीजी डॉट कॉम तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से आम नागरिक भी बाल विवाह की सूचना दे सकते हैं या शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि अभियान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षक, समाजसेवी संस्थाएं और विभिन्न विभागों की संयुक्त भागीदारी से जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में तेज़ी से कार्य किया जा रहा है।

