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ग्रीष्म ऋतु से पहले कलेक्टर की अपील जल संरक्षण को दें प्राथमिकता


 ग्रीष्म ऋतु से पहले कलेक्टर की अपील जल संरक्षण को दें प्राथमिकता

जिले में इस वर्ष ग्रीष्मकालीन धान नहीं - कलेक्टर ने सुझाई कम जल वाली फसलें
कलेक्टर उइके ने नागरिकों से की जिम्मेदारी निभाने की अपील
 कम जल उपयोग वाली फसलों से बढ़ेगी आय, बचेगा पानी
कलेक्टर ने सभी वर्गों से सहयोग मांगा
वर्षा जल संचयन और सावधानीपूर्ण उपयोग पर जोर, प्रशासन ने की जागरूकता अपील
गरियाबंद 8 दिसम्बर 2025/ कलेक्टर श्री बी.एस. उइके ने आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी नागरिकों एवं कृषक भाइयों-बहनों से पेयजल संरक्षण तथा जल के समुचित उपयोग के लिए अपील की है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में भू-जल स्तर स्वाभाविक रूप से नीचे चला जाता है, जिसके कारण पेयजल उपलब्धता पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह जल का समुचित उपयोग करें और अनावश्यक जल की बर्बादी से बचे। कलेक्टर श्री उइके ने कृषकों से विशेष आग्रह करते हुए कहा कि जिले में इस वर्ष ग्रीष्मकालीन धान की फसल के लिए जलाशयों से सिंचाई हेतु पानी की आपूर्ति उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। इसलिए किसान अत्यधिक जल उपयोग वाली धान की फसल लेने से परहेज़ करें। उन्होंने कहा कि धान की खेती में अत्यधिक मात्रा में पानी लगता है, जिसके कारण गर्मी के समय जलसंकट और अधिक गंभीर रूप से बढ़ सकता है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि इस वर्ष धान की जगह कम जल उपयोग वाली फसलें जैसे तिल, मूंग, उड़द, मसूर, अरहर, कोदो-कुटकी, मक्का आदि वैकल्पिक फसलें अपनाएँ। ये फसलें न केवल जल संरक्षण में सहायक होंगी बल्कि किसानों को बेहतर नगदी आय का अवसर भी प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा नगदी, दलहनी एवं तिलहनी फसलों के प्रचार-प्रसार, गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्धता और तकनीकी मार्गदर्शन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। किसान इन वैकल्पिक फसलों की ओर बढ़ते हैं, तो न केवल जल व्यय कम होगा, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी संरक्षित रहेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासनिक प्रयास तभी सफल होंगे जब नागरिक स्वयं जल संरक्षण की आदत को अपनाएँ। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि जलस्रोतों का सतर्कतापूर्वक उपयोग करें, नलों और पाइपों से पानी की रिसाव रोकें, घरों में वर्षा जल संचयन की व्यवस्था विकसित करें, और समुदाय के स्तर पर जल संरक्षण के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि जल बचाना सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने का संकल्प है। कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, किसान भाइयों तथा जिलेवासियों से पूर्ण सहयोग करने की अपील की।

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